जनगणना 2011 के महत्वपूर्ण तथ्य
भारत की जनगणना कराने का दायित्व केंद्र सरकार का हैं। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन जनगणना संगठन कार्य करता हैं। जिसका सर्वोच्च अधिकारी भारत का महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त (Rajistar General and Census Commissioner of India) होता हैं।
- वर्ष 2011 ई. की जनगणना भारत की 15 वीं तथा स्वतंत्र भारत की 7 वी जनगणना हैं।
- जनगणना 2011 ई. का शुभंकर प्रगणक शिक्षिका थी। इस जनगणना का आदर्श वाक्य था – हमारी जनगणना हमारा भविष्य।
- जनगणना 2011 में जनगणना रजिस्टर तैयार किया गया। जिसमे सभी नागरिकों के कुल 15 विवरण तथा 15 वर्ष एवं उससे ऊपर की आयु के सभी नागरिकों के बायोमीट्रिक्स आंकड़े एकत्र किये गए।
- राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर (NPR – National Population register)
- वर्ष 1921 की जनगणना को विभाजक वर्ष के रूप में जाना जाता हैं, क्योकि 1911 से 1921 के बीच भारत में जनसँख्या की दशकीय वृद्धि ऋणात्मक(-.31%) रही। इस दशक के दौरान भारत की जनसँख्या में 77 लाख की कमी पाई गई।
- भारत की जनसँख्या में सर्वाधिक औसत वार्षिक घातीय वृद्धि दर 1961 -71 ई. के दौरान रही।
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जनगणना 2011 के महत्पूर्ण आकड़ें
- 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसँख्या 1,21,08,54,977 हैं। जिसमे पुरुष 62,32,70,258 (51.47%) एवं महिलाऐं 58,75,84,719 (48.53%) हैं।
- 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसँख्या विश्व की जनसँख्या का 17.5 %) हैं।
- 2011 की जनगणना में लिंगानुपात 933 से बढ़कर 943 हो गया तथा शिशु लिंगानुपात(0 -6 वर्ष ) घटकर 927 से 918 रह गया।
- जनगणना, 2011 के अनुसार भारत में 2001 -2011 में दशकीय जनसँख्या वृद्धि 17.7 % रही जबकि 1991 -2001 में यह 21.54 % थी।
- औसत वार्षिक जनसँख्या वृद्धि 2001 -2011 में 1.64%रही जबकि 1991 -2001 में यह 1.97% थी।
- 2011 में जनसँख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी हैं जबकि यही घनत्व 1951 में 117 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था।
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