Election Commission of India in hindi निर्वाचन आयोग
» संविधान के भाग-15 अनुच्छेद 324 में एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन आयोग की व्यवस्था की गई हैं।
» निर्वाचन आयोग में में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो अन्य आयुक्त होते हैं। जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा होती हैं। निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष का होता हैं, लेकिन यदि वह कार्यकाल के दौरान ही 65 वर्ष की आयु ग्रहण कर लेता हैं तो उसे सेवानिवृत कर दिया जाता हैं।
» मुख्य निर्वाचन आयुक्त को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की भांति उसके पद से हटाया जा सकता हैं।
» चुनाव की अधिसूचना संदर्भानुसार -भारत का राष्ट्रपति या राज्य का राज्यपाल करता हैं।
» निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था हैं।
» मुख्य चुनाव आयुक्त को महाभियोग जैसी प्रक्रिया से हटाया जा सकता हैं।
» मुख्य चुनाव आयुक्त का दर्जा सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समान ही होता हैं।
» मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य चुनाव आयुक्तों को वेतन भारत की संचित निधि से दिया जाता हैं।
» चुनाव प्रचार की समय सीमा की घोषणा निर्वाचन आयोग द्वारा की जाती हैं।
» निर्वाचन की तिथि से 36 घंटे पूर्व चुनाव प्रचार का कार्य समाप्त हो जाता हैं।
» निर्वाचन में 10 प्रतिशत या इससे कम मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों की जमानत की धनराशि जब्त हो जाती हैं।
» सांसदों की अयोग्यता सम्बन्धी विवाद पर निर्णय निर्वाचन आयोग के परामर्श से राष्ट्रपति द्वारा किया जाता हैं।
» भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन (1950-1958) थे। .
राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्ते
» लोकसभा चुनाव अथवा राज्य विधान सभा चुनाव में किन्ही चार अथवा अधिक राज्यों में कुल डाले गए वैध मतों का 6% प्राप्त करना आवश्यक होगा।
» इसके अतिरक्त इसे किसी एक राज्य अथवा राज्यों से लोकसभा की कम से कम 4 सीट जीतनी होंगी।
क्र० सं0 | दल का नाम | चुनाव चिन्ह |
1 | भारतीय जनता पार्टी | कमल |
2 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | हाथ का पंजा |
3 | भारतीय साम्यवादी दल | हंसिया और बाली |
4 | मार्क्सवादी साम्यवादी दल | हंसिया,हथौड़ा एवं तारा |
5 | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी | घड़ी |
चुनाव खर्च की सीमा
» वर्तमान में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार द्वारा किये जाने वाले खर्च की सीमा 70 लाख कर दी गई हैं।
» विधान सभा के उम्मीदवार के लिए अधिकतम चुनाव व्यय सीमा राशि 16 लाख हैं।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM)
» EVM का प्रयोग सबसे पहले मई 1982 ई. में केरल के पारुर(Parur) विधान सभा के 50 बूथ पर किया गया था।
» EVM का प्रयोग कर 1999 में पूरा चुनाव कराने वाला प्रथम राज्य गोवा बना।
» EVM का प्रयोग करके सर्वप्रथम 2004 में सम्पूर्ण आम चुनाव कराया गया।
» वर्ष 2009 से आम चुनाव एवं सभी विधान सभाओं के चुनाव में EVM का प्रयोग होने लगा।
चुनाव में नोटा का अधिकार (NOTA -None of tha above)
» भारत के उच्चतम न्यायालय के अनुसार नोटा के विकल्प के माध्यम से मतदाताओं को यह अधिकार मिलेगा कि वे राजनितिक दलों को स्वच्छ एवं ईमानदार छवि वाले प्रत्याशियों को चुनाव में उतारने में विवश करें।
» भारतीय लोकतंत्र में मतदाताओं को यह अधिकार होना चाहिए कि यदि वे क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों से संतुष्ट नहीं हैं, तो उन्हें इस बात की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वे किसी भी प्रत्याशी का चुनाव न करें। इस प्रक्रिया को नोटा कहते हैं।
» ‘द पीपल यूनियन आफ सिविल लिबर्टीज’ नामक एक गैर सरकारी संगठन द्वारा नोटा के संदर्भ में दायर एक जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने अपना एक फैसला सुनाया।
» निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2009 में उच्चतम न्यायालय को इस संदर्भ में निर्णय देने की गुजारिश की थी। जिसके फलस्वरूप वर्ष 2013 में उच्चतम न्यायालय ने नोटा को मान्यता प्रदान करते हुए,निर्वाचन आयोग से इसके लिए बटन बनाने का आदेश दिया।
चुनाव सुधार से सम्बंधित समितियां
समिति | अध्यक्ष | प्रमुख सिफारिश |
तारकुंडे समिति (1974) | वी एम तारकुंडे | मतदाता की आयु 18 वर्ष हो |
श्यामलाल शकधर समिति(1981) | श्यामलाल शकधर | मतदाता का परिचय पत्र हो |
संथानम समिति (1983) | के.संथानम | न्यूनतम शैक्षिक योग्यता अनिवार्य हो (राजस्थान ) |
दिनेश गोस्वामी समिति (1989) | दिनेश गोस्वामी | EVM का प्रयोग व आरक्षण के लिए चक्रानुसार पद्धति |
टी.एन. शेषन समिति (1992) | टी.एन. शेषन | एक से अधिक क्षेत्रों से चुनाव लड़ना मना |
इन्द्रजीत समिति (1998) | इन्द्रजीत गुप्त | चुनाव खर्च हेतु सार्वजानिक कोष बने |