भारत में सिंचाई Types of irrigation in india
भारत में सिंचाई परियोजनों को तीन भागों में बांटा गया हैं –
- वृहत सिंचाई योजना
- मध्यम सिंचाई योजना
- लघु सिंचाई योजना
वृहत सिंचाई योजना: 10000 हेक्टेयर से अधिक कृषि योग्य भूमि को सिंचित करने वाली परियोजनाएं वृहत सिंचाई योजना के अंतर्गत आती हैं।
मध्यम सिंचाई योजना: 2000 से 10000 हेक्टेयर के बीच कृषि योग्य भूमि को सिंचित करने वाली परियोजनाएं मध्यम सिंचाई योजना के अंतर्गत आती हैं।
लघु सिंचाई योजना : 2000 हेक्टेयर से कम कृषि योग्य भूमि को सिंचित करने वाली परियोजनाएं लघु सिंचाई योजना के अंतर्गत आती हैं।
- भारत में कुल सिंचित क्षेत्र का 37% बड़ी और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के अधीन तथा 63%प्रतिशत छोटी सिंचाई योजनाओं के अधीन आता हैं।
- विश्व का सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र चीन (21%) तथा भारत में (20.2 %) हैं।
- भारत में कुल बोये गए क्षेत्रफल का 33% भाग पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध हैं।
- वर्तमान समय में भारत में सिंचाई के प्रमुख साधन – कुआँ और नलकूप
- तालाब द्वारा सर्वाधिक सिंचाई वाला राज्य – तमिलनाडु
- देश के सर्वाधिक नलकूप और पम्पसेट हैं –तमिलनाडु
- नलकूपों के सघनता वाला राज्य –उत्तर प्रदेश
- प्रायद्वीपीय भारत में सिंचाई का प्रमुख साधन -तालाब
- पम्बा सिंचाई परियोजना केरल के पम्बा नदी पर हैं।
- गिरना सिंचाई परियोजना महाराष्ट्र के नासिक जिले में गिरना नदी पर हैं।
- दमनगंगा सिंचाई परियोजना गुजरात और दादर नगर हवेली की सयुक्त परियोजना हैं। यह दमनगंगा नदी पर स्थित है तथा इस परियोजना से बना जलाशय गुजरात के वलसाड में स्थित हैं।
सिंचाई के साधन | |
साधन | सिंचित भाग |
कुंआ और नलकूप | 55.9 % |
नहर | 31.4 % |
तालाब | 6.1 % |
अन्य श्रोत | 6.6 % |