कैबिनेट मिशन योजना। Cabinet mission upsc hindi
दूसरा विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद ब्रिटेन में 1945 में आम चुनाव हुए। जिसमें लेबर पार्टी ने सर क्लीमेंट एटली के नेतृत्व में विजय हासिल की। 14 मार्च 1946 को हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रधानमंत्री सर क्लीमेंट एटली ने यह घोषणा की कि भारतीयों को स्वतंत्र होने का अधिकार है।
इसके लिए उन्होंने एक तीन सदस्यीय कैबिनेट मंत्रियों की एक कमेटी को भारत भेजा। जिसका कार्य भारत को शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के लिये, उपायों एवं संभावनाओं को तलाशना था। जिसके सदस्य ए.वी. अलेक्जेंडर (नौसेना मंत्री), स्टेफोर्ड क्रिप्स (व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष), लार्ड पैथिक लारेंस (भारत सचिव) थे।
24 मार्च 1946 को कैबिनेट मिशन दिल्ली पहुंचा। 16 मई 1946 को कैबिनेट मिशन ने भारत में एक अंतरिम सरकार की स्थापना तथा संविधान सभा के गठन एवं संविधान निर्माण हेतु एक योजना को प्रस्तुत किया। योजना के निम्नलिखित प्रावधान थे।
- भारत का एक संघ होगा। जिसमें ब्रिटिश प्रांत तथा देसी रियासतें शामिल होंगी।
- संघी विषयों के अतिरिक्त सभी विषय एवं अवशिष्ट शक्तियां प्रांतों में निहित होंगे। भारत की एकता बनाए रखी जाएगी। इसलिए मुस्लिम लीग द्वारा की गई पाकिस्तान की मांग को ठुकरा दिया गया।
- संविधान सभा का गठन प्रांतीय विधानसभाओं तथा देशी रियासतों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा। इसमें प्रांतीय विधानसभा सदस्यों द्वारा संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली द्वारा न कि (व्यस्क मताधिकार) के आधार पर किया जाएगा।
- सामान्यत: 10 लाख की जनसंख्या पर एक सदस्य प्रतिनिधि सभा के लिए चुना जाएगा।
- प्रत्येक प्रांत को उसकी जनसंख्या के अनुसार स्थानों का आवंटन किया जाएगा। जो वहां के प्रमुख समुदाय के मध्य उनकी जनसंख्या के अनुपात में विभक्त होगा। प्रत्येक समुदाय के प्रतिनिधि विधानमंडल में अपने समुदाय के सदस्यों द्वारा ही चुने जाएंगे।
कैबिनेट मिशन योजना। Cabinet mission FAQ
Ans. प्रांतों को तीन श्रेणियों में क, ख, ग में बांटा गया- क.) बंबई, मध्यप्रांत, उङीसा और संयुक्त प्रांत
ख.) पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत, सिंध और पंजाब
ग.) असम और बंगाल।