खिलजी साम्राज्य(1290-1230ई.)
Khilji vansh History of Khilji dynasty in hindi.खिलजी जाति का मूल स्थान अफगानिस्तान में हेलमंद नदी की घाटी था। दिल्ली में इनका शासन आते ही भारत पर तुर्कों की पकड़ ढ़ीली पड़ गई और भारतीय शासन पर भारतीय और गैर तुर्क मुसलमानों का प्रभाव बढ़ गया|भारत में खिलजी वंश की स्थापना जलालुद्दीन फिरोजशाह खिलजी ने की।
जलालुद्दीन फिरोजशाह खिलजी(1290-1296 ई)
- जलालुद्दीन खिलजी 70 वर्ष की आयु में दिल्ली की गद्दी पर बैठा इसी वजह से वह उदार और सहिष्णु बन गया था।
- इसने किलोखरी (कुलागढ़ी)को अपनी राजधानी बनाया।
- इसके शासन काल में तीन प्रमुख विद्रोह हुए 1.मलिक छज्जू का विद्रोह 2.ताजुद्दीन कुची का विद्रोह 3.सीदी मौला का विद्रोह (इसे फांसी दे दी गई थी)
- जलालुद्दीन के शासन काल के सबसे बड़ी उपलब्धि देवगिरी के शासक रामचंद्र देव पर सफल आक्रमण था|जिससे इसे अपार संपत्ति मिली थी।
- 20 जुलाई 1296 को अल्लाउद्दीन खिलजी के इशारे पर इखित्यारुद्दीन हूद द्वारा छल पूर्वक जलालुद्दीन खिलजी का हत्या कर दी थी।
- जलालुद्दीन खिलजी के दरबार में हसन देहलवी और अमीर खुसरों जैसे विद्वान् रहते थे।
अल्लाउद्दीन खिलजी (1290-1296 ई.)
- अल्लाद्दीन खिलजी के बचपन का नाम गुरशप या अली था।
- 22 अक्तूबर 1296 में इसने दिल्ली में प्रवेश किया और बलवन के लाल महल में अपना राज्याभिषेक कराया और सिकंदर सानी की उपाधि धारण की।
- अल्लाद्दीन एक महत्वाकांक्षी शासक था उसकी नीति थी की दिल्ली के आस पास के क्षेत्रों को विजित कर अपने राज्य में मिला लेना और सुदूर दक्षिण के राज्यों को विजित कर उनसे कर वसूलना था।
- दक्षिण विजय का श्रेय अल्लाद्दीन के योग्य नायब मलिक काफूर को हैं। उसने सबसे पहले देवगिरी पर उसके बाद तेलंगाना पर आक्रमण कर उससे कोहनूर हीरा प्राप्त किया।
- अल्लाद्दीन का विजय अभियान निम्न प्रकार था।
- उत्तरी भारत: गुजरात →रण थम्भौर →चित्त्तौड़ →मालवा →चंदेरी →शिवाना→जालौर
- दक्षिण का विजय अभियान: देवगिरी →वारंगल →द्वार समुद्र →मालाबार
अल्लाउद्दीन खिलजी की शासन व्यवस्था
अल्लाद्दीन निरंकुश शासन व्यवस्था में विश्वास करता था इसकी लिए उसने न तो किसी खलीफा से और न ही किसी उलेमा से अनुमति या सलाह ली।
प्रशासनिक व्यवस्था
- अल्लाद्दीन व्यक्ति के योग्यता को महत्व देता था, न कि वह किस कुल का है इस बात का।
- अल्लाद्दीन ने गुप्तचर विभाग को संगठित किया और वरीद-ए-मुमालिक नाम से पद सृजित कर उसे गुप्तचर विभाग का मुखिया बनाया।
राजस्व (कर व्यवस्था ) एवं लगान व्यवस्था
- अल्लाउद्दीन पहला ऐसा सुल्तान था जिसने भूमि को नापकर लगान वसूलना शुरू किया।
- अल्लाउद्दीन की राजस्व व्यवस्था में बिस्वा को इकाई माना गया। अल्लाउद्दीन लगान गल्ले के रूप में लेना पसंद करता था।
- अल्लाउद्दीन ने लगान(खराज) पैदावार का 1/2 भाग निर्धारित किया।
- अल्लाउद्दीन ने दो कर नये शुरू किये मकान कर (घरई) एवं चराई कर (चरई)
- राजस्व व्यवस्था लागू करने के लिए अल्लाउद्दीन ने एक प्रथक विभाग दीवान- ए-ख़ारिज स्थापित किया।
- खालसा भूमि (सुल्तान की भूमि )इस भूमि से लगान राज्य द्वारा वसूला जाता था।
बाजार व्यवस्था
- अल्लाउद्दीन ने बाजार व्यवस्था पर नियत्रण इसलिए किया क्योकिं उसकी सेना बड़ी थी और वो उसे नगद वेतन देता था। उस वेतन में सैनिकों को परेशानी न हो इसलिए उसने बाजार नियन्त्रण पर जोर दिया।
- अल्लाउद्दीन ने अलग-अलग वस्तुओं के लिए अलग बाजार निश्चित किये। जैसे गल्ले के लिए मंडी,कपडे के लिए सराय-ए-आदिल, घोड़ो,मवेशियों आदि के लिए अलग-अलग बाजार थे।
- सभी व्यापारियों को शहना-ए-मंडी के दफ्तर में अपने को पंजीकृत कराना होता था।
- केवल पंजीकृत व्यापारी ही किशानों से गल्ला खरीद सकता था।
- सट्टे बाजों और कानून को भंग करने वालों को कठोर दंड दिया जाता था।
- कीमती वस्तु को खरीदने के लिए दीवाने-रियासत या शहना -ए-मंडी की आज्ञा लेनी पड़ती थी।
सैन्य व्यवस्था
- अल्लाउद्दीन दिल्ली का पहला ऐसा शासक था। जिसने स्थायी सेना रक्खी और सेना को नगद वेतन देना शुरू किया।
- अल्लाउद्दीन ने सैनिकों का हुलिया लिखना और घोड़ो को दागने की नवीन प्रथा शुरू कराई।
- 10 हजार सैनिकों की टुकड़ी को तुमन कहा जाता था।
- अल्लाउद्दीन ने लूट का धन जिसे खम्स कहा जाता था। इसमें 4/5 भाग राज्य का होता था तथा 1/5 भाग सैनिको का होता था।
खिलजी शासन के महत्वपूर्ण पदाधिकारी
वजीर | दीवाने वजारात |
शाही आदेशों का पालन करवाना | दीवाने इंशा |
विदेश विभाग | दीवाने रसालत |
सैन्य मंत्री | दीवाने आरिज |
बाजार अधीक्षक | शहना ए मंडी |
बाजार पर नियंत्रण रखना | दीवान ए रियासत |
न्याय के लिए | सराय अदल |
बाजार निरीक्षक | बरीद-ए-मंडी |
गुप्तचर | मुन्हीयांस |
- अल्लाउद्दीन ने डाक व्यवस्था शुरू की।
- अल्लाउद्दीन का अंतिम निर्णय परवाना नवीस (परमिट देने वाला अधिकारी) की नियुक्ति था।
- अल्लाउद्दीन ने सीरी नामक शहर बसाया।
- अल्लाउद्दीन ने कुतुबमीनार के निकट अलाई दरवाजा (कुश्क-ए-सीरी ), हौज-ए-अलाई तालाब तथा हजार खम्बा महल का निर्माण कराया।
कुतुबद्दीन मुबारकशाह खिलजी (1290-1296 ई.)
- इसने खुद को खलीफा घोषित किया ऐसा करने वाला सल्तनत काल का पहला सुल्तान था।
- यह बहुत ही कुत्सित परवर्ती का शासक था जिसे नग्न स्त्री पुरुषो की संगति पसंद थी
- इसके बाद 1320ई. में नासिरुद्दीन खुसरवशाह दिल्ली का शासक बना जो प्रथम भारतीय मुसलमान था।